सवदत्ती यलम्मा मंदिर
सवदत्ती यलम्मा मंदिर
मंदिर : येल्लम्मा देवी मंदिर
इतिहास :
सावदत्ती येलम्मा भारत के कर्नाटक के बेलगाम जिले के सौंदत्ती के पास शीर्ष पहाड़ी में स्थित प्राचीन और सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी श्री रेणुका येल्लम्मा देवी को समर्पित है। येल्लम्मा देवी मंदिर, येल्लमगुड्डा सौंदत्ती में स्थित सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। येल्लम्मा जात्रे के दौरान आगंतुकों की सीमा आमतौर पर 10 लाख जाती है, विशेष रूप से मार्गसिरा के महीने के दौरान आयोजित की जाती है। जात्रे समर्पित महिलाओं की देवदासी प्रथा के लिए भी प्रसिद्ध है। इस जात्रे के दौरान येल्लम्मा देवी की मूर्ति को जुलूस में ले जाया जाता है, और उन्हें देवी के रूप में पूजा जाता है।
पौराणिक कथा:
येल्लम्मा देवी को ऋषि जमदाग्नि की पत्नी और परशुराम की माता रेणुका येल्लम्मा के नाम से जाना जाता है, जिनकी कहानियाँ पुराणों में प्रकाशित हुई हैं। वे रेणुका देवी के रूप में भगवान की पूजा करते हैं। देवी काली की पहचान येल्लम्मा देवी से की जाती है। काली एक दंडक है जो दुष्टों का नाश करती है, लेकिन वह एक दयालु माँ है जो अपने भक्तों को प्रशंसा और उपहार देती है।
आर्किटेक्चर:
मंदिर का निर्माण बोम्मप्पा नायक ने वर्ष 1514 में किया था। मंदिर का निर्माण चालुक्य और राष्ट्रकूट शैलियों के संयोजन में किया गया है। सौंदत्ती येल्लम्मा मंदिर में भगवान गणेश, भगवान मल्लिकार्जुन, परशुराम, एकनाथ, सिद्धेश्वर को समर्पित कई मंदिर पाए जाते हैं। अब वर्तमान में, मंदिर का प्रबंधन या देखभाल सरकार द्वारा की जाती है।
घूमने के स्थान :
- बादामी गुफा मंदिर
- गोकक फॉल्स
- नृपतुंगा बेट्टा
आसपास के होटल और रेस्तरां:
- मयूर आदित्य रिसॉर्ट
- ओशन पर्ल रिसोर्ट
- अयोध्या रेस्टोरेंट
- ओएमजी लाउंज
पता:
येल्लम्मा गुड्डा,
सौंदत्ती-येल्लम्मा,
बेलगाम जिला, कर्नाटका
मंदिर का समय:
- सोमवार 5:00 पूर्वाह्न - 9:00 अपराह्न
- मंगलवार 5:00 पूर्वाह्न - 9:00 अपराह्न
- बुधवार 5:00 पूर्वाह्न - 9:00 अपराह्न
- गुरुवार 5:00 पूर्वाह्न - 9:00 अपराह्न
- शुक्रवार 5:00 पूर्वाह्न - 9:00 अपराह्न
- शनिवार 5:00 पूर्वाह्न - 9:00 अपराह्न
- रविवार 5:00 पूर्वाह्न - 9:00 अपराह्न
0 Response to "सवदत्ती यलम्मा मंदिर"
Post a Comment